B.Ed और BTC बीटीसी मामले को लेकर कल दिनांक 11.01.2024 की तारीख में एक सुनवाई देखने को मिली एक बार फिर से बीएड अभ्यर्थी के लिए बहुत बड़ा झटका लगा है जो बीएड अभ्यर्थी के लिए परेशानी आती नजर आ रही है | बात करते हैं बीएड अभ्याथी की जब से मामला सुप्रीम कोर्ट गया तब से B.Ed अभ्यर्थी के लिए एक के बाद एक नकारात्मक बातें निकलकर आ रही है
11 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक अपना फैसला सुनाया था उसके बाद से जब-जब मामला सुप्रीम कोर्ट गया है तब तब बीएड अभ्यर्थियों के लिए मुश्किल लेकर आ रहा है हालांकि आपने देखा होगा जब-जब बीएड अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं तब तब बीएड अभ्यर्थि भर्ती से बाहर होते हुवे नजर आ रहे है और अलग अलग राज्य के भी हाईकोर्ट बीएड अभ्यर्थी को बहार करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है और सभी हाईकोर्ट सुप्रीम कोर्ट के आदेशो का पालन कर रहे है |
सबसे पहले 11 अगस्त को एक आर्डर आया था बीएड भर्ती को लेकर बीएड वाले कोर्ट चले गए कि उनको सम्मिलित कर लिया जाए कोर्ट ने सीधा-सीधा मन कर दिया की आपको सुप्रीम कोर्ट का 11 तारीख के आर्डर मन्ना चाहिए और और उस भर्ती के साथ भी ऐसा हुआ की बीएड भर्ती से बहार कर दिया गया |
उसके बाद में और भी कई अलग-अलग भर्ती को लेकर बीएड अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट गए और एक के बाद एक बीएड करने वाले अभ्यर्थी भर्ती से बाहर होने लगे अब तक तो केवल उन्हें अभ्यर्थियों को लेकर बाहर किया जा रहा था जो बीएड भर्ती में सामिल थे | चयनित बीएड को बहार नही किया जा रहा था लेकिन अब बीएड अभ्यर्थी चयनित अभ्र्थी पर भी गाज गिरने लगी है | जो बीएड अभ्यर्थी चयनित थे उनको लेकर कोर्ट का कोई आदेश नहीं आया था
लेकिन अब फिर से एक बार चयनित अभ्यर्थी के लिए मुश्किलें बढ़ गई है |
जैसे कि एक याचिको को लेकर अरनव घोष वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया को लेकर एक सुनवाई देखने को मिली
यह 2020 में भर्ती निकाली गई थी लेकिन कोविड कोमध्य नजर रखते हुवे कोविड को लेकर यह भर्ती पूरी नहीं हो पाई| और मामला लटका रहा, जैसे-तैसे परीक्षा हुई तो परीक्षा में B.ed अभ्यर्थियों को भी शामिल किया गया था
उसी समय बीएड वर्स बीटीसी को लेकर सुप्रीम का ऑर्डर आ गया था जो 25 नवंबर 2021 का था और इस समय B.Ed अभ्यर्थी कोर्ट पहुंच जाता है ऑर्डर को चैलेंज करते हुए कोलकाता हाई कोर्ट होता क्या है कि इस याचिको को सब्जेक्ट को आउटकम रख दिया गया और इसे लेकर बीएड अभ्यर्थी उसे भर्ती से बाहर कर दिए गए थे |
तो इसको लेकर अरनव घोष की याचिका को लेकर क्लेरिफिकेशन मांगा गया था की जो 11 तारीख से पहले की भर्तियां है उसमें बीएड अभ्यर्थियों को मौका दे दिया जाए जिससे कि जो भी बीएड अभ्यर्थी चयनित हो उन्हें नौकरी मिल सके इसमें साप कोर्ट ने कह दिया कि यहां किसी को नौकरी देने या नौकरी लेने की बात नहीं की जाएगी केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात की जाएगी | और क्वालिटी आफ एजुकेशन का हवाला देते हुए कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थी को साफ तौर पर मना कर दिया | और यह बात कहते हुए अरनव घोषकी याचिका को खारिज कर दिया
और इस याचिका को disposed off ऑफ कर दिया गया बीएड अभार्थी की याचिका को खारिज कर दिया गया |
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और इस याचिका को लेकर बीएड अभ्यर्थी तो पहले ही बाहर हो चुके थे लेकिन अगर बात की जाए जो बीएड अभ्यर्थीचयनित थे अब उन पर भी संकट के बदल छा रहे हैं
अब B.Ed अभ्यर्थी चयनित हुए जो नौकरी कर रहे हैं वह भी भर्ती से बाहर होने की कगार पर है
जो 25 नवंबर 2021 को राजस्थान का आर्डर आया था अलग-अलग राज्यों ने उसे ऑर्डर को दिखाते हुए बीएड अभ्यर्थी को बाहर करने की मांग की गई थी
और ऐसा ही कुछ देखने को मिला था आपको बिहार के अंदर ही जो बीएड अभ्यर्थी बाहर कर दिए गए थे यह आपको पता होगा जो बिहार के अंदर भर्ती चल रही थी जो अभ्यर्थी 22000 चयनित किए गए थे
और उनको लेकर पटना हाई कोर्ट ने एक आदेश दिया थाकि इनको बाहर निकाल दिया जाए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थी को प्राइमरी के लिए योग्य नहीं माना है
B.Ed करने वाला अभ्यर्थी बहार किया जाए और उनकी जगह पर बीटीसी करने वाले अभ्यर्थियों को शामिल किया जाए जो भी सीटे B.Ed अभ्यर्थी की वजह से खाली होती है उन सीटों पर बीटीसी को शामिल कर लिया जाए या फिर 2010 के एनसीटी के नियम को पालन करते हुए भर्तियो कोपूरी कर ली जाए तो ऐसे में सभी ने देखा था कि बिहार में सभी बीएड अभ्यर्थी को भर्ती से बाहर कर दिया गया था
तो इसी तरह से 25 नंबर को जो आर्डर आया था सभी ने अपने राज्य को एक याचिका दाखिल कर दी थी इसलिए सभी हाईकोर्ट ने यह बोल दिया था कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और अभी तक यह मामलापूरा नहीं हुआ है जैसे ही सुप्रीम कोर्ट सेके मामलापूरा होगा जो आप सभी भर्ती का निर्णय होगा वह सभी सुप्रीम कोर्ट के अधीन होगा
जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का यह आर्डर आया तो राजस्थान में भी ऐड करने वाला अभ्यर्थी बाहर कर देगा इधर और दूसरा राज्य बिहार के अंदर ऐसा हुआ जो बिहार अभ्यर्थी थे वह बाहर कर दिए गए थे ,जो चयनित भी भर हो गए थे और जो 170000 अभ्यर्थी भर्ती में शामिल हुए थे वह भी भारत कर दिए गए थे|
उसके बाद में यह मामला देखने को मिला मध्य प्रदेश B.Ed अभ्यार्थियोंके लिए जो अभी तक भी हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई जा रही है अगर बात की जाए तो यह है भीबीएड अभ्यर्थी बाहर होने की कगार पर है
अगर छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ बीएड अभ्यर्थियोंको भी है देखने को मिला उसमें भी बहस जारी है उसमें भी अंतिम ऑर्डर पर बहस होनी बाकी है